“नेपाली (गोरखा) समाज का लोक संस्कृति कापर्व - दसैँ (विजयादशमी)”
Abstract
भारतवर्ष में गोरखा शब्द से नेपाली भाषी समुदाय के लोगों को जाना जाता है। नेपाली भाषा नेपाल, भारत (सिक्किम, आसाम, दार्जिलिंग, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश), भूटान, तिब्बत, म्यांमार में रह रहे गोरखा समुदाय के लोगों की मातृभाषा है।नेपाली भाषी लोगों को यह नाम८वीं शताब्दी के हिन्दू योद्धा संत श्रीगुरु गोरखनाथ सेप्राप्त हुआ था। भारतीय संस्कृति से अनुप्राणित सनातन धर्म की मूल-परम्पराओं को जीवित रखने में भारतवर्ष के विभिन्न देशों की अहम भूमिका है। यही कारण है कि भारतवर्ष के भारत, नेपाल, भूटान आदि विभिन्न देशराजनैतिक, भौगोलिक दृष्टिकोण से अलग-अलग होने पर भी सांस्कृतिक, धार्मिक परम्पराओं से एक हैं। भारतवर्ष के देश भौगोलिक रूपी शरीर से अलग अलग होने पर भी इन सभी शरीर में विद्यमान आत्मा एक है। अतः राजनैतिक रूप से सुदृढ करने के लिए परस्पर में मित्रराष्ट्र का व्यवहार किया जाता है। भारतवर्ष के विषय में यह श्लोक उद्धृत किया जाता है –
उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र संततिः॥
अर्थात् समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण में जो देश है उसे भारत कहते हैं तथा उसकी संतानों (नागरिकों) को भारती कहते हैं।