भारतीय ज्ञान परम्परा और शोध

Authors

  • Hrushikesh Padhan Hrushikesh Padhan Jamia Millia Islamia

Abstract

भारतीय ज्ञान परम्परा दीर्घ अनेक वर्षों से चली आरही है, या सृष्टि के आरम्भ से ही चली आरही है ऐसा कहना भी अत्योक्ति नहीं होगी। ऐसा नहीं है कि प्राचीन ऋषि मुनि लोग कोई कार्य बिना सोचे समझे किया करते थे, अपितु आज के शोधकार्यों से कई गुणा बेहतर थे। चहे आयुर्वेद के क्षेत्र में हो या विज्ञान के क्षेत्र में हो। परिवर्तनशील संसार में सभी बदलते हैं और इसका शिकार हम हुए हैं। उतरोत्तर पद्धतियां बदलती गई और हम पुनः अवनत होते गए। भारत में अंग्रेजों के आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में अनेक बदलाव हुए हैं, उनमें से शोध भी है। हलांकि पाचीन काल में ऋषि मुनियों के शोध पद्धति रही है वैसा आज हमें देखने को कम मिलता है। भारतीय ज्ञान परम्परा में शोध एक निहित तत्व है। इसमें कोई कार्य ऐसा नहीं होगा जिसमें कि बिना जांचे परखे किया जाए। प्राचीन सहित्यों में अनेक ऐसे तथ्य मिलते हैं जो कि शोधपरक होने की पुष्टि है।

Published

2023-05-26

How to Cite

Hrushikesh Padhan, H. P. (2023). भारतीय ज्ञान परम्परा और शोध. जम्बूद्वीप - the E-Journal of Indic Studies (ISSN: 2583-6331), 2(1). Retrieved from http://journal.ignouonline.ac.in/index.php/jjis/article/view/933