बीसवीं सदी के भारत के आध्यात्मिक समाज सुधारक स्वामी सहजानंद सरस्वती : एक मूल्यांकन

Authors

  • Lucky Sharma Central University of Himachal Pradesh

Abstract

स्वामी सहजानन्द सरस्वती20वीं सदी के भारत के राष्ट्रवादी नेता एवं स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों में मूर्धन्य हैं। वर्तमान उत्तरप्रदेश के गाज़ीपुर जिले में जन्में स्वामी सहजानंद आदि शंकराचार्य सम्प्रदाय के दसनामीसंन्यासी अखाड़े के दण्डी संन्यासी भी थे| भारत में किसान के हित की बात करने और उनके लिए आवाज़ उठाने की वजह से स्वामी जी प्रमुख रूप से याद किये जाते हैं।जननायक संन्यासी और युगद्रष्टा स्वामी जी ने अपने कर्तृत्व एवं लेखनी के माध्यम से समाज के दिशा-निर्देशन का महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके जीवन यात्रा का मूल्याङ्कन एक बुद्धिजीवी लेखक, समाज-सुधारक, क्रान्तिकारी, इतिहासकार एवं किसान.नेता के रूप में किया जा सकता है। इस लेख का उद्देश्य स्वामी जी के प्रारंभिक जीवन काल से लेकर उनके आध्यात्मिक सामाजिक और राजनितिक जीवन यात्रा पर एक सुष्पष्ट, तथ्ययुक्त एवं तार्किक अध्ययन प्रस्तुत करना है।

 

Published

2023-05-26

How to Cite

Sharma, L. (2023). बीसवीं सदी के भारत के आध्यात्मिक समाज सुधारक स्वामी सहजानंद सरस्वती : एक मूल्यांकन. जम्बूद्वीप - the E-Journal of Indic Studies (ISSN: 2583-6331), 2(1). Retrieved from http://journal.ignouonline.ac.in/index.php/jjis/article/view/964