वैदिक कालीन अर्थव्यवस्था
Abstract
वेद हमारे गौरव ग्रन्थ हैं। वेद तथा वेदाङ्ग अपने समाहित ज्ञान के द्वारा ही मनुष्य का दिशा-निर्देशन करते हैं, क्योंकि वैदिक साहित्य में जो आचार-विचार तथा संस्कार निहित हैं, वे सब ज्ञान-विज्ञान के भण्डार हैं। वेद के मन्त्रों में प्राचीन वैदिक युग के समाज की झाँकी मिलती है। वैदिक समाज में अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित चिंतन प्रस्तुत शोध-पत्र में करने का प्रयास किया जा रहा है।
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Published
2025-04-22
How to Cite
Lajja Bhatt. (2025). वैदिक कालीन अर्थव्यवस्था. जम्बूद्वीप - the E-Journal of Indic Studies (ISSN: 2583-6331), 4(1). Retrieved from http://journal.ignouonline.ac.in/index.php/jjis/article/view/1958
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Articles